मेरे खांसी का इलाज घरेलू ब्लॉग पोस्ट में आपका स्वागत है। खांसी एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली समस्या है, जो आमतौर पर वायरल संक्रमण, सर्दी-खांसी, एलर्जी, या गले की सूजन के कारण होती है। कभी-कभी खांसी लंबी बीमारी का भी संकेत हो सकती है। यदि आप खांसी से परेशान हैं और दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहते, तो घरेलू उपाय एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।
इस पोस्ट में हम आपको कुछ प्रभावी और सरल घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे, जो न केवल खांसी से राहत दिलाते हैं, बल्कि गले की सूजन और संक्रमण को भी कम करते हैं। इन प्राकृतिक उपायों का नियमित रूप से सेवन करने से आप बिना किसी दवा के खांसी को जल्दी ठीक कर सकते हैं। जानिए कैसे शहद, अदरक, तुलसी, और अन्य घरेलू सामग्री का उपयोग करके खांसी को ठीक किया जा सकता है। सभी को विस्तार से समझने के लिए पूरी पोस्ट पढ़े।
खांसी क्या है?
खांसी एक स्वाभाविक शारीरिक प्रतिक्रिया है, जिसे शरीर गले या फेफड़ों में किसी प्रकार के अवरोध, जलन, या बलगम के इकट्ठा होने पर उत्पन्न करता है। यह एक सुरक्षा तंत्र के रूप में काम करती है, जो शरीर को हानिकारक तत्वों, जैसे धूल, बैक्टीरिया, वायरस, या अन्य कणों को बाहर निकालने में मदद करती है। खांसी का मुख्य उद्देश्य श्वसन नलिकाओं को साफ रखना और संक्रमण से बचाव करना होता है। हालांकि, खांसी कभी-कभी किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकती है, खासकर जब यह लंबे समय तक बनी रहती है।
खांसी के प्रकार
- सूखी खांसी (Dry Cough)
- गीली खांसी (Productive Cough)
- जबरदस्त खांसी (Paroxysmal Cough)
- आलसी खांसी (Chronic Cough)
- भारी खांसी (Barking Cough)
- दमा से संबंधित खांसी (Asthma Cough)
- एलर्जी खांसी (Allergic Cough)
- वृद्धावस्था में खांसी (Geriatric Cough)
- एक्यूट खांसी(Acute cough)
- सबएक्यूट खांसी (Subacute Cough)
- क्रोनिक खांसी (Chronic Cough)
खांसी के कारण
- सर्दी और फ्लू: सर्दी और फ्लू के दौरान वायरल संक्रमण से गले में सूजन और बलगम का निर्माण होता है, जिससे खांसी होती है। यह सबसे आम कारण है।
- एलर्जी: धूल, पॉल्लन, पशुओं के बाल या अन्य एलर्जी उत्पन्न करने वाले पदार्थों के संपर्क में आने से भी खांसी हो सकती है। एलर्जी के कारण श्वसन नलिकाओं में सूजन हो जाती है।
- धूम्रपान: धूम्रपान के कारण फेफड़ों में जलन और सूजन हो सकती है, जिससे खांसी का कारण बनती है। यह अक्सर “स्मोकर्स’ कफ” के रूप में होती है।
- दमा (Asthma): दमा में श्वास नलिकाओं में सूजन और संकुचन होता है, जिससे खांसी, सांस में कठिनाई और सीटी जैसी आवाजें सुनाई देती हैं।
- एसिड रिफ्लक्स (GERD): पेट के एसिड का गले में वापस आना (गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज) भी खांसी का कारण बन सकता है, क्योंकि इससे गले में जलन होती है और खांसी आती है।
- वायुमंडलीय प्रदूषण: प्रदूषित हवा, धुआं, या अन्य हानिकारक गैसों के संपर्क में आने से श्वसन तंत्र पर असर पड़ता है, जिससे खांसी हो सकती है।
- फेफड़ों के संक्रमण: जैसे ब्रोन्काइटिस, न्यूमोनिया या अन्य श्वसन तंत्र के संक्रमण के कारण खांसी हो सकती है। ये संक्रमण बलगम और सूजन का कारण बनते हैं।
- दवाइयाँ: कुछ दवाइयाँ, जैसे एसीई इनहिबिटर्स (ACE inhibitors), भी खांसी का कारण बन सकती हैं। यह दवा रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दी जाती है।
- मानसिक तनाव और चिंता: कभी-कभी मानसिक तनाव और चिंता के कारण भी खांसी हो सकती है, जिसे “नर्वस खांसी” कहा जाता है।
- पेट की समस्याएँ: कब्ज, पेट में गैस, या आंतों में संक्रमण के कारण भी खांसी हो सकती है, खासकर जब पेट का एसिड गले में ऊपर आता है।
खांसी के लक्षण
- सूखी खांसी (Dry Cough): यह खांसी बिना बलगम के होती है। गले में जलन, खुजली, या सूजन के कारण होती है, लेकिन इसमें बलगम का उत्पादन नहीं होता। सूखी खांसी आमतौर पर वायरल संक्रमण, एलर्जी, धूल, या धूम्रपान के कारण होती है।
- गीली खांसी (Productive Cough): इस प्रकार की खांसी में बलगम या कफ का उत्पादन होता है। यह खांसी सर्दी, फ्लू या श्वसन तंत्र के संक्रमण (जैसे ब्रोन्काइटिस) के कारण होती है। इसमें व्यक्ति को गले में बलगम का एहसास होता है और खांसते समय इसे बाहर निकालने की कोशिश की जाती है।
- जबरदस्त खांसी (Paroxysmal Cough): यह खांसी अचानक और तीव्र रूप से होती है। खांसी के दौरे आते हैं और व्यक्ति को लगातार खांसने की आदत हो सकती है। यह काली खांसी (Pertussis) जैसे रोगों में देखी जाती है, जिसमें खांसी के दौरान सांस लेने में कठिनाई होती है।
- आलसी खांसी (Chronic Cough): जब खांसी तीन सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहती है, तो इसे आलसी खांसी कहा जाता है। यह खांसी दमा, एलर्जी, पोस्ट-नासल ड्रिप, या एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याओं के कारण हो सकती है। यह लंबे समय तक जारी रहती है और व्यक्ति के जीवन की सामान्य दिनचर्या पर असर डाल सकती है।
- भारी खांसी (Barking Cough): यह खांसी अक्सर बच्चों में होती है और इसकी आवाज कुत्ते की भोंकने जैसी होती है। इसे क्रूप (Croup) भी कहा जाता है। यह खांसी गले में सूजन के कारण होती है, जो वायरल इंफेक्शन के दौरान होती है, और गला बंद होने का एहसास हो सकता है।
- दमा से संबंधित खांसी (Asthma Cough): यह खांसी दमा के कारण होती है और अक्सर रात के समय या सुबह के समय देखी जाती है। इसमें श्वसन नलिकाओं में सूजन होती है, जिससे खांसी के साथ-साथ सांस की तकलीफ भी हो सकती है। इसमें व्यक्ति को सीटी जैसी आवाज सुनाई देती है जब वह सांस लेता है।
- एलर्जी खांसी (Allergic Cough): यह खांसी एलर्जी के कारण होती है, जैसे धूल, पॉल्लन, या किसी अन्य पदार्थ से एलर्जी। एलर्जी खांसी में गले में खुजली, नाक बहना, और छींक आना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
- वृद्धावस्था में खांसी (Geriatric Cough): उम्र बढ़ने के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे पुराने लोगों में खांसी अधिक हो सकती है। यह खांसी धूम्रपान, प्रदूषण, या श्वसन तंत्र की अन्य समस्याओं के कारण हो सकती है।
- एक्यूट खांसी (Acute Cough): यह खांसी आमतौर पर 2 से 3 सप्ताह तक रहती है और अक्सर सर्दी, फ्लू, या वायरल संक्रमण के कारण होती है। एक्यूट खांसी की शुरुआत अचानक होती है और यह समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है।
- सबएक्यूट खांसी (Subacute Cough): यह खांसी 3 से 8 सप्ताह तक रहती है और आमतौर पर किसी पुराने वायरल संक्रमण या गले में सूजन के कारण होती है। यह खांसी श्वसन संक्रमणों या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकती है।
- क्रोनिक खांसी (Chronic Cough): जब खांसी 8 सप्ताह या उससे अधिक समय तक बनी रहती है, तो इसे क्रोनिक खांसी कहा जाता है। यह खांसी गंभीर बीमारियों जैसे दमा, गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD), क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, या फेफड़ों से संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकती है।
सभी खांसी का घरेलू इलाज (home remedies for cough)
यहां प्रत्येक प्रकार की खांसी के लिए सामग्री, विधि और लाभ विस्तार से दिए गए हैं:
1. सूखी खांसी (Dry Cough)
सूखी खांसी की बेस्ट सिरप(dry cough home remedies)
- सामग्री: ½ चम्मच हल्दी पाउडर, ½ शक्कर, 1 गिलास गुनगुना पानी।
- विधि: हाथ की हथेली पर हल्दी और शक़्कर ले। और मुँह में फाक ले अब इसके ऊपर पानी पि ले।
- लाभ: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो श्वसन नलिकाओं को खोलने में मदद करते हैं।
2. गीली खांसी (Productive Cough)
- सामग्री: 1 चम्मच शहद, ½ चम्मच ताजे अदरक का रस।
- विधि: शहद में अदरक के रस को मिलाकर अच्छे से मिला लें। इसे दिन में दो-तीन बार सेवन करें।
- लाभ: अदरक में सूजन कम करने के गुण होते हैं, जो गले के भीतर बलगम को बाहर निकालने में मदद करते हैं। शहद गले को सुकून देने का काम करता है, जिससे wet cough syrup में आराम मिलता है।
3. जबरदस्त खांसी (Paroxysmal Cough)
- सामग्री: 5-6 तुलसी के पत्ते, 1 चम्मच शहद।
- विधि: तुलसी के पत्तों का रस निकालें और उसमें शहद मिलाकर सेवन करें। इसे दिन में 2-3 बार लें।
- लाभ: तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो खांसी के दौरे को कम करते हैं। शहद गले को आराम देता है, जिससे खांसी के दौरे में राहत मिलती है।
4. आलसी खांसी (Chronic Cough)
- सामग्री: 2-3 लहसुन की कलियाँ, 1 चम्मच शहद।
- विधि: लहसुन की कलियों को क्रश करें और उसमें शहद मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करें। इसे रात में सोने से पहले लें।
- लाभ: लहसुन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और खांसी को कम करने में मदद करते हैं। शहद गले को सुकून प्रदान करता है।
5. भारी खांसी (Barking Cough)
- सामग्री: 1 लीटर पानी, 2-3 बूँदें नीलगिरी का तेल (या पिपरमिंट तेल)।
- विधि: पैन में पानी गरम करें और उसमें नीलगिरी का तेल (या पिपरमिंट तेल) डालें। इस पानी से भाप लें। इसे 10-15 मिनट तक करें।
- लाभ: भाप लेने से गले की सूजन कम होती है और खांसी में राहत मिलती है। यह गले की म्यूकस को ढीला करता है और खांसी को कम करता है।
6. दमा से संबंधित खांसी (Asthma Cough)
- सामग्री: 1 चम्मच हल्दी, 1 गिलास गर्म दूध।
- विधि: एक गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच हल्दी डालकर अच्छे से मिला लें। और इसे रात को सोते समय पिएं।
- लाभ: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो श्वसन नलिकाओं को खोलने में मदद करते हैं। यह दमा से संबंधित खांसी और सांस की तकलीफ को कम करता है।
7. एलर्जी खांसी (Allergic Cough)
- सामग्री: 1 गिलास गर्म पानी, ½ चम्मच नमक।
- विधि: एक गिलास गर्म पानी में नमक डालें। इस पानी से गार्गल (गरारे) करें।
- लाभ: नमक पानी से गरारे करने से गले की सूजन कम होती है और म्यूकस बाहर निकलता है। यह एलर्जी के कारण खांसी को शांत करता है।
8. वृद्धावस्था में खांसी (Geriatric Cough)
- सामग्री: 1 चम्मच आंवला पाउडर, 1 चम्मच शहद।
- विधि: आंवला पाउडर और शहद को अच्छे से मिला लें। इसे रोज सुबह खाली पेट सेवन करें।
- लाभ: आंवला में विटामिन C भरपूर होता है, जो शरीर को मजबूत बनाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। शहद गले को सुकून देता है और खांसी को कम करता है।
9. एक्यूट खांसी (Acute Cough)
- सामग्री: 1 चम्मच अदरक का रस, आधा नींबू का रस, 1 चम्मच शहद।
- विधि: अदरक के रस में नींबू का रस और शहद मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें।इसे दिन में 2-3 बार लें।
- लाभ: अदरक और नींबू में सूजन कम करने और बलगम को बाहर निकालने के गुण होते हैं। शहद गले को आराम देता है और खांसी को कम करता है।
10. सबएक्यूट खांसी (Subacute Cough)
- सामग्री: 10-12 तुलसी के पत्ते, 1 चम्मच अदरक का रस।
- विधि: तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उसमें अदरक का रस मिलाकर सेवन करें। इसे दिन में 2-3 बार लें।
- लाभ: तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो खांसी को कम करते हैं। अदरक में सूजन कम करने के गुण होते हैं, जो गले की सफाई में मदद करते हैं।
11. क्रोनिक खांसी (Chronic Cough)
- सामग्री: 1 चम्मच सौंफ, 1 चम्मच शहद।
- विधि: सौंफ को उबालकर उसमें शहद डालकर सेवन करें। इसे दिन में 2-3 बार लें।
- लाभ: सौंफ में ऐंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो खांसी को शांत करने में मदद करते हैं। शहद गले को राहत देता है और खांसी को कम करता है।
खांसी से बचने के असरदार और मजबूत उपाय
- स्वच्छता बनाए रखें: हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोएं, खासकर खाने से पहले और नहाने के बाद। यह वायरस और बैक्टीरिया को फैलने से रोकता है। खांसते या छींकते वक्त मुँह और नाक को टिशू से ढकें और तुरंत उसे कचरे में डालें।
- हाइड्रेशन (Water Intake): पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और गले को नम बनाए रखता है, जिससे खांसी कम होती है। गर्म पानी, हर्बल चाय, या गुनगुने पानी का सेवन खांसी को शांत करने में मदद कर सकता है।
- अच्छी नींद लें: 7-8 घंटे की नींद लें, ताकि शरीर का इम्यून सिस्टम ठीक से काम कर सके और खांसी के कारणों को दूर कर सके। वायु प्रदूषण से बचें: धूल, धुएं और प्रदूषण से बचने के लिए घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और बाहर जाने से पहले मास्क पहनें। गंदे वातावरण में न रहें और साफ व ताजे वायु का सेवन करें।
- संतुलित आहार: विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे संतरे, नींबू, स्ट्रॉबेरी, आदि खाएं। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और खांसी से बचाव में मदद करता है। मसालेदार और तैलीय भोजन से बचें, क्योंकि यह गले में जलन पैदा कर सकता है।
- ठंडी और गर्मी से बचें: अत्यधिक ठंडी या गर्म हवा से बचें। ठंडी हवा गले को उत्तेजित कर सकती है और गर्म हवा गले को सूखा सकती है, जिससे खांसी हो सकती है।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: नियमित व्यायाम करें, जिससे आपकी श्वसन क्षमता मजबूत हो और इम्यून सिस्टम मजबूत रहे। ताजे फल और सब्जियां खाएं, क्योंकि इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को संक्रमण से बचाते हैं।
- स्मोकिंग से दूर रहें: सिगरेट और तंबाकू का सेवन गले को प्रभावित करता है, जिससे खांसी बढ़ सकती है। इससे बचें।
- घर में नमी बनाए रखें: गीले तौलिए, एयर ह्यूमिडिफायर या पानी से भरे बर्तन का इस्तेमाल करके घर में नमी बनाए रखें, ताकि हवा शुष्क न हो और गले को राहत मिले।
खांसी में आहार का विशेष ध्यान
- गर्म और ताजा भोजन: खांसी में ताजे और गर्म भोजन का सेवन करें, इससे गले को आराम मिलता है।
- अनानास: अनानास में ब्रोमेलेन एंजाइम होता है, जो खांसी की तीव्रता को कम करता है और बलगम को ढीला करता है।
- शहद: दिन में 3-4 बार शहद खाएं, यह बच्चों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है।
- सब्जियों का सूप: सब्जियों के सूप में काली मिर्च डालकर पिएं, यह गले को आराम देता है।
- लहसुन और प्याज: लहसुन और प्याज का सेवन करें, ये म्यूकस के उत्पादन को कम करते हैं।
खांसी के समय परहेज
- ठंडी चीजें: आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, बर्फ का पानी से बचें।
- दूध और दूध उत्पाद: दूध, छाछ, दही आदि का सेवन न करें, क्योंकि ये बलगम को बढ़ा सकते हैं।
- जंक फूड और तैलीय भोजन: तला-भुना, मसालेदार और तैलीय खाने से दूर रहें।
- धूल और प्रदूषण: प्रदूषित वातावरण और धूल-मिट्टी से बचें।
- बासी और ठंड़ा भोजन: बासी भोजन और ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थ से परहेज करें।
- एलर्जी करने वाले खाद्य पदार्थ: जैसे केले, स्ट्रॉबेरी, पपीता से बचें जो हिस्टामिन को बढ़ा सकते हैं।
खांसी होने के बाद डॉक्टर से कब मिले?
अगर खांसी 2-3 हफ्तों से अधिक समय तक बनी रहे, या इसके साथ बुखार, खून आना, या सीने में दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा, अगर खांसी में तेज़ी से सांस लेने में परेशानी या उल्टी जैसी समस्याएं हों, तो यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल(FAQ,S)?
Question1. सोने की कौन सी पोजीशन खांसी कम करती है?
अगर आप खांसी से परेशान हैं, तो सही सोने की पोजीशन अपनाना फायदेमंद हो सकता है। कंधे और गर्दन को ऊपर उठाकर पीठ के बल सोने से खांसी और गले में जमा बलगम (पोस्टनासल ड्रिप) को कम किया जा सकता है। यह पोजीशन वायुमार्ग को साफ रखने में मदद करती है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है और खांसी की तीव्रता भी घटती है।
Question2. खांसी के लिए कौन सा पॉइंट दबाए?
- LI4 (Hegu Point): हाथ की पीठ पर स्थित। इसे दबाने से गले की सूजन और खांसी में राहत मिलती है।
विधि: अंगूठे और उंगली से 5-10 मिनट तक दबाएं। - LU7 (Lieque Point): कलाई पर स्थित। यह खांसी और सांस की समस्या को कम करता है।
विधि: कलाई के बिंदु को दबाएं। - ST36 (Zusanli Point): घुटने के नीचे स्थित। यह शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और खांसी में राहत देता है।
विधि: घुटने के नीचे दबाएं।
Question3. खांसी के लिए कौन सा योग करना चाहिए?
- भस्त्रिका प्राणायाम: गहरी सांस लें और छोड़ें, श्वसन तंत्र को साफ करता है।
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम: नथुनों से सांस लें और छोड़ें, खांसी को कम करता है।
- उत्तानासन: शरीर को खींचता है और गले को आराम देता है।
- बालासन: शांति प्रदान करता है और गले को आराम देता है।
- नाड़ी शोधन प्राणायाम: श्वसन मार्ग को साफ करता है, खांसी में राहत देता है।
यह थे हमारे खांसी का इलाज घरेलू: प्रभावी और सरल उपाय।Home Remedies for Cough. Best Wet Cough Syrup.
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धन्यवाद।
खांसी हो या ग़म, दोनों का इलाज है सरल,
शहद और अदरक से मिलेगी राहत, जैसे हो एक खजाना हल।
गले की तल्ख़ी को दूर करें वो प्यारे घरेलू जतन,
मुस्कुराइए, खांसी से भी होगा अब बचपन।……..