परिचय
मेरे रेसिपी ब्लॉग पोस्ट में आपका स्वागत है। नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके साथ कुरकुरी जलेबी की अनोखी रेसिपी। Recipe Jalebi. Jalebi Recipe in Hindi. शेयर करने जा रहे हैं। जलेबी भारतीय मिठाईयों में सबसे लोकप्रिय और प्रिय व्यंजन है, जिसे खासकर त्योहारों और विशेष अवसरों पर बड़े चाव से खाया जाता है। इसका स्वाद मीठा, कुरकुरा और गर्म-गर्म होता है, जो हर किसी को लुभा लेता है। जलेबी बनाने में खास बात यह है कि इसे ताजगी में ही चाशनी में डुबोकर खाया जाता है, जिससे इसका कुरकुरापन और स्वाद दोगुना हो जाता है। हर क्षेत्र में जलेबी बनाने का तरीका थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन इसका अनोखा स्वाद सभी जगह एक जैसा होता है। चाहे सर्दियों का मौसम हो या गर्मी, जलेबी का स्वाद कभी फीका नहीं पड़ता। तो आज हम आपके लिए खास टिप्स के साथ आसानी से घर पर ही जलेबी बनाने की रेसिपी लेखर आये है तो आइये जानते है जलेबी बनाने की विधि। हम इस ब्लॉग में आपको जलेबी बनाने की सामग्री, विधि, अनोखे टिप्स, व्यक्तित्व अनुभव और फायदे-नुकसान सभी के बारे में विस्तार से बताएंगे पूरा जरूर पढियेगा।
jalebi recipe in hindi सामग्री
- मैदा – 1 कप
- चावल का आटा – 2 चम्मच (कुरकुरापन बढ़ाने के लिए)
- सेंदा नमक – 1 चुटकी
- बेकिंग पाउडर – 1/4 चम्मच
- घी – 1 चम्मच (आटे में मिलाने के लिए)
- पानी – 1/2 कप (आटा का घोल के लिए)
- दही – 1 चम्मच (आटे में सौम्यता लाने के लिए)
- पीस हुआ केसर – 1/4 चम्मच (स्वाद और रंग के लिए)
- पानी – तलने के लिए
- शक्कर – 1 कप (चाशनी के लिए)
- पानी – 1/2 कप (चाशनी के लिए)
- इलायची पाउडर – 1/4 चम्मच (चाशनी में)
- गुलाब जल – 1 चम्मच (चाशनी में)
- घी – तलने के लिए
jalebi recipe in hindi विधि
Step1. घोल बनाने का तरीका
सबसे पहले, एक बर्तन में मैदा, चावल का आटा, बेकिंग पाउडर और सेंदा नमक डालकर अच्छे से मिला ले। अब इसमें एक चम्मच घी, दही और थोड़ा सा पानी डालकर घोल बना लें। घोल ऐसा होना चाहिए कि वह आसानी से बहने लगे, लेकिन ज्यादा ढीला न हो। इसके बाद, इस आटे में थोड़ा-सा केसर डालकर अच्छे से मिला लें। घोल को अच्छे से फेटे ताकि सारी सामग्री मिक्स हो जाये। केसर से जलेबी का रंग और स्वाद दोनों ही शानदार आएगा।
Step2. चाशनी बनाना
गैस चालू करके एक भगोने में शक्कर और पानी डालकर गैस पर रख दे और मध्यम आंच पर इसे गर्म करें। जब शक्कर पूरी तरह से घुल जाए, तो उसमें इलायची पाउडर और गुलाब जल डालें। चाशनी को उबालने के बाद, उसे हल्का गाढ़ा होने तक पकाएं। ध्यान रखें कि चाशनी बहुत गाढ़ी न हो। चाशनी को अब आंच से उतारकर ठंडा होने दें।
Step3. तलने की तैयारी
एक कढ़ाई में घी डालकर उसे अच्छे से गर्म करें। तेल का तापमान मध्यम होना चाहिए, ताकि जलेबी अंदर से कच्ची न रहे और बाहर से कुरकुरी बने। अब तैयार घोल को एक पाइपिंग बैग या जलेबी बनाने वाली बोतल में भर लें। और गर्म तेल में जलेबी का आकार बनाते हुए डालें। जलेबी को गोल-गोल और फुली हुई बनाएं। एक तरफ से सुनहरी और कुरकुरी होने पर, उसे हल्के हाथो से पलटकर दूसरी तरफ भी तल ले।
Step4. तैयार जलेबी को चाशनी में डालना
जब जलेबी सुनहरी और कुरकुरी हो जाए, तो उसे तुरंत ठंडी चाशनी में डालें।
जलेबी को चाशनी में करीब 1 मिनट तक डुबोकर बाहर निकालें। ध्यान रखें कि चाशनी में जलेबी ज्यादा समय न रहे ताकि वह अधिक नर्म न हो जाए।
लो सा एकदम कुरकुरी जलेबी बनकर तैयार है। इसे गर्मा-गर्म सर्व करे।
जलेबी बनाते समय मेरे खास टिप्स
- आटे का घोल न ज्यादा गाढ़ा और न ही ज्यादा पतला होना चाहिए। यदि घोल ज्यादा गाढ़ा हो, तो जलेबी मोटी और अंदर से कच्ची रह सकती है।
- चावल का आटा डालने से जलेबी एकदम कुरकुरी और अंदर तक स्वादिष्ट बनती है।
- घी को ज्यादा गर्म न करें, क्योंकि इससे जलेबी जल सकती है और अंदर के कच्ची रह जाती है।
- जलेबी बनाते समय गैस की आंच धीमी रखें।
- जलेबी बनाने के बाद, उसे तुरंत चाशनी में डुबोना चाहिए।
- चाशनी बहुत ज्यादा गाढ़ी या पतली नहीं होनी चाहिए। चाशनी में एक तार बनना चाहिए।
- जलेबी को ज्यादा समय तक चाशनी में नहीं रखना चाहिए। इससे जलेबी का कुरकुरापन खत्म हो जायेगा।
- जलेबी को हमेशा गर्म खानी चाहिए बहुत टेस्टी लगती है।
मेरे व्यक्तिगत अनुभव jalebi recipe in hindi
मैंने जब पहली बार कुरकुरी जलेबी बनाई, तो वह एक बिल्कुल अलग और स्वादिष्ट अनुभव था। मैंने इसे बनाने के लिए चावल के आटे का इस्तेमाल किया, जिससे जलेबी का टेक्सचर और भी कुरकुरा और स्वाद में अद्भुत हो गया। इसके बाद में हमेशा ही हर तीज-त्यौहार पर सबसे पहले इसी मिठाई को बनाना पसंद करती हूँ। और सबको बेहद पसंद आती है। पहले हमारे घर में सर्दी के मौसम में दो-तीन किलो की एकसाथ जलेबी बनाने के लिए हलवाई को बुलाया जाता था। पर जबसे मेने इस टिप्स के साथ जलेबी बनानी सुरु की तब से हमेशा मे ही बनाती हूँ।
FAQ,S
Question1. जलेबी का इतिहास क्या है?
जलेबी का इतिहास बहुत पुराना है और इसकी उत्पत्ति अरब और फारसी क्षेत्रों से जुड़ी हुई है। इसका पुराना नाम “जलाबिया” था, जिसे तुर्की के लेखक मोहम्मद बिन हसन ने अपनी किताब “किताब-अल-तबिक़” में उल्लेख किया। भारत में जलेबी मध्यकाल में आई, जब तुर्की और अरब व्यापारी आए। भारत में इसे “इमर्ति” और बाद में “जलेबी” कहा गया। आज यह देश भर में खासकर त्योहारों और विशेष अवसरों पर खाई जाती है। जलेबी की चाशनी में डुबोकर खाई जाती है, जिससे यह कुरकुरी और मीठी बनती है।
Question2. मिठाई की रानी कौन थी?
गोवा की बेबिंका को “मिठाइयों की रानी” कहा जाता है। यह गोवा की पारंपरिक मिठाई है, जो कोकोनट, अंडे, शक्कर और घी से बनी होती है। इसे कई परतों में धीमी आंच पर पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और टेक्सचर बेहतरीन होता है। बेबिंका गोवा के खास अवसरों और त्योहारों पर बनाई जाती है, और इसकी खस्ता परतें और समृद्ध स्वाद इसे मिठाइयों की रानी बनाते हैं।
Question3. सबसे सस्ती मिठाई कौन सी है?
जलेबी भारत की लोकप्रिय और सस्ती मिठाई है, जिसे राष्ट्रीय मिठाई का दर्जा प्राप्त है। यह लगभग 100 ₹ प्रति किलो के भाव से मिल जाती है। जलेबी को बनाने के लिए मैदा, घी और चाशनी की आवश्यकता होती है, और इसका स्वाद सभी को पसंद आता है। इसकी सस्ती कीमत और बेहतरीन स्वाद इसे हर वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाती है।
Question4. मिठाई को इंग्लिश में क्या कहा जाता है?
मिठाई को इंग्लिश में “Sweet” कहा जाता है। भारतीय मिठाईयों के लिए कभी-कभी “Indian sweets” भी उपयोग किया जाता है, जो विशेष रूप से भारतीय पारंपरिक मिठाईयों को दर्शाता है।
जलेबी खाने से फायदे और नुकसान
जलेबी का सेवन संतुलित रूप से करने से हमे कई सारे फायदे होते है और रोजाना, ज्यादा और कुछ रोगियों के लिए नुकसानदायक हो सकती है जैसे की
फायदे
- तत्काल ऊर्जा मिलती है: जलेबी में शक्कर और घी होता है, जो शरीर को तत्काल ऊर्जा प्रदान करता है, खासकर जब आपको जल्दी से ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- पाचन में मदद: गर्म जलेबी खाने से पाचन तंत्र को राहत मिल सकती है और यह पाचन को सही तरीके से काम करने में मदद करता है।
- मूड को बेहतर बनाता है: जलेबी के मीठे स्वाद और कैलोरी से शरीर में खुशहाली का अहसास होता है, जिससे मूड में सुधार हो सकता है।
- पारंपरिक भारतीय मिठाई: जलेबी भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है और त्यौहारों और खास अवसरों पर इसे खाना एक खुशियों का हिस्सा होता है।
नुकसान
- वजन बढ़ा सकता है: जलेबी में शक्कर और घी की अधिकता होती है, जिससे अधिक मात्रा में खाने से वजन बढ़ सकता है।
- स्वास्थ्य समस्याएं: ज्यादा मीठी चीजें खाने से रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) बढ़ सकती है, जिससे डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- हृदय संबंधी समस्याएं: जलेबी में उच्च मात्रा में वसा (fat) और कैलोरी होती है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।
- दांतों की समस्या: जलेबी में अधिक शक्कर होने के कारण दांतों में कीड़े लग सकते हैं और दांतों की समस्या बढ़ सकती है अगर इसे अत्यधिक खाया जाए।
जलेबी का सेवन सीमित मात्रा में करना बेहतर है, ताकि आप इसके स्वाद का आनंद भी लें और इसके स्वास्थ्य संबंधी नुकसानों से बच सकें।
यह थी हमारी कुरकुरी जलेबी की अनोखी रेसिपी। Recipe Jalebi. Jalebi Recipe in Hindi. आप एक बार जरूर बनाकर खाये इस सर्दी के मौसम में और नये साल पर 👍।
हमारे ब्लॉग को पढ़ने के लिए धन्यवाद। आप जैसे पाठक हमें और बेहतर बनने की प्रेरणा देते हैं✨। अगर आपको यह रेसिपी पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें ताकि वो भी अपने परिवार को इस अनोखे जलेबी के स्वाद का आनंद दे सके। 📲👨👩👧👦।
धन्यवाद।
कुरकुरी जलेबी, सुनहरी और मीठी सी बात,
चाशनी में डुबोकर मिलती है हर दिल को राहत।
जब तक न हो खस्ता, तब तक न बनाओ,
हर कौर में वो मीठा, हर पल जादू सा लाओ।……….
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