मेरी रेसिपी में आपका स्वागत है। मूंग दाल की बड़ी राजस्थान की प्रसिद्ध और स्टॉक सब्जी है। दालें भारतीय खानपान का जरूरी हिस्सा हैं। कई जगहों पर इसे मंगोड़ी भी कहते है। इस सब्जी को सर्दियों के मौसम में एक दिन बनाते है और यह सब्जी साल भर तक खा सकते है। घर में कोई सब्जी नही हो तो हम बड़ी की सब्जी बना सकते है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। यह सब्जी जितनी खाने में स्वाद होती है उतनी ही शरीर के लिए लाभदायक होती है। बड़ी बनाने में ज्यादा समय लगने के कारण इस सब्जी को लोग बनाना आजकल कम पसंद करते है तो आज हम इस रेसिपी में बड़ी बनाने का बिलकुल आसान तरीका लाए है। इस तरिके से बड़ी बिलकुल सॉफ्ट और जल्दी बनेगी। तो आइये आपको बताते है बड़ी बनाने का आसान तरीका।
मूंग दाल की बड़ी बनाने के लिए सामग्री
- मूंग दाल – 1 किलो(बिना छिलके वाली)
- मोठ दाल – 250 ग्राम(बिना छिलके वाली)
- पानी – 5 किलो
- नमक – स्वादनुसार
- जीरा – 1 छोटा चमच्च
- हींग – 2 चुटकी
- लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चमच्च
- हल्दी पाउडर -1/2 छोटा चमच्च
- धनिया पाउडर – 1/2 छोटा चमच्च
- घी – 2 छोटा चमच्च
- हरा धनिया – 1 बड़ा चमच्च(बारीक़ कटा हुआ)
मूंग दाल की बड़ी बनाने की विधि
मूंग दाल की बड़ी बनाने के लिए गुनगुने पानी में मूंग दाल और मोठ की दाल को पांच घण्टे के लिए भिगो दे। अब इसे पानी से बाहर निकालकर हाथो से रगड़कर साफ पानी से धो ले। अब मिक्सी या गठि (गठुल्यो) की सहायता से भी पीस सकते है। तो हम मिक्सी से पिस्ते है। मिक्सी की जार में दो बड़ा चमच्च दाल डाले और थोड़ा दरदरा पीस ले। ऐसे ही तरिके से सारी दाल को दरदरा पीस ले। अब सारी दाल को एक बड़े भगोने में डाल दे। अब पीसी हुई दाल में नमक, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, घी , जीरा, हींग और हरा धनिया डालकर अच्छे से मिला ले और भगोने को ढ़कन देकर एक घंटे के लिए रख दे। बड़ी तब बनाये के जब ज्यादा सर्दी पड़ रही हो। बड़ी को चारपाई पर प्लास्टिक की थैली बिछाकर धुप में सुकाना चाहिए। अब तैयार पेस्ट को हाथो की सहायता से या फिर एक प्लास्टिक की तेली में पेस्ट डालकर छोटा सा छेद करके छोटी-छोटी चरपाई पर लोई रक दे जैसे की पकोड़े बनाते है उतनी सी। अब तैयार बड़ी को चौबीस घंटे के बाद पलट दे। और चार-पांच दिन तक धुप में सुकने के लिए रख दे। लो सा बड़ी बनकर तैयार है। अब हम आपको बड़ी की सब्जी बनाने की विधि बतायंगे।
मूंग दाल की बड़ी की सब्जी बनाने के लिए सामग्री
- बड़ी – 1 कप
- तेल – 4 छोटा चमच्च
- जीरा – 1/2 छोटा चमच्च
- हींग – 1 चुटकी
- पानी – 4 कप
- लाल मिर्च पाउडर – 2 छोटा चमच्च
- हल्दी पाउडर – 1/2 छोटा चमच्च
- धनिया पाउडर – 1 छोटा चमच्च
- नमक – 1/2 छोटा चमच्च(स्वानुसार)
- हरी मिर्च – 2 (बारीक़ कटी हुई)
- प्याज – 1 (बारीक़ कटा हुआ)
- मटर – 1/2 कप
- लहसुन – 10 कलियां
- हरा धनिया – 10 कलियां
मूंग दाल की बड़ी की सब्जी बनाने की विधि
बड़ी की सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले एक कढ़ाई ले और गैस चालू करके कढ़ाई को गैस पर रख दे। अब इसमें दो चमच्च तेल डालकर तेल को गर्म होने दे। तेल गर्म होने पर बड़ी को ओखली की सहायता से थोड़ा कूटकर छोटा कर ले। अब इसे गर्म तेल में डालकर धीमी आंच पर हल्का सुनहरा होने तक भुने। भुनने इसे कढ़ाई से बाहर निकाल ले। अब कढ़ाई में फिर से बाकि बचा हुआ तेल डालकर गर्म कर ले और इसमें जीरा और हींग डालकर चटकने दे। अब इसमें प्याज, हरी मिर्च और लहसुन को हल्का सुनहरा होने तक तले। अब इसमें लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर और नमक डालकर थोड़ी देर तलने के बाद इसमें पानी डाल दे।और गैस की आंच तेज कर दे। एक उबाल आने के बाद इसमें भुनी हुई बड़ी और मटर डाल दे। और गैस की आंच धीमी कर दे। अब बड़ी सारा पानी सोख जाये तब इसमें हरा धनिया डालकर गैस को बंद कर दे। लो सा बड़ी की सब्जी बनकर तैयार है। इसे हम गेहूँ की रोटी या पूड़ी के साथ खा सकते है। यह सब्जी खाने में बहुत टेस्टी लगती है।
मूंग दाल की बड़ी की सब्जी खाने से फायदे
मूंग दाल में आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और प्रोटीन जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर की कमजोरी को दूर करने और एनर्जी बढ़ाने में लाभदायक है। मूंग दाल की बड़ी में भरपूर मात्रा में फाइबर, पोटैशियम और मैग्नशियम होता है। फाइबर आंतों से गंदगी को बाहर निकालने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी मदद करती है मूंग दाल की बड़ी। मूंग दाल की बड़ी डायबिटीज के लिए सही रहती है। आर्ट अटेक रोगी के लिए मूंग दाल की बड़ी ज्यादा ही फायदेमंद होती है।
मूंग दाल की बड़ी की सब्जी खाने से नुकसान
मूंग दाल की बड़ी की सब्जी खाने से ज्यादा कोई नुकसान नहीं होता है। अगर यह मूंग दाल की बड़ी पकते समय थोड़ी भी कच्ची रह जाए तो पाचन संबंधी परेशानियों को बढ़ा सकती है। हाई युरिक एसिड पीड़ित रोगी को कभी मूंग दाल की बड़ी नहीं खानी चाहिए।